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Asha Pandey 'Taslim'

Drama

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Asha Pandey 'Taslim'

Drama

किताबी चेहरे

किताबी चेहरे

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किताबी चेहरे पर

जो तहरीरें हैं


लकीरों में लहरापन न हो

लुढ़कते लफ़्ज़ खूनी होते हैं


कुचल जाने का

डर रहता है


बुजुर्गों ने कहा था,

"जरा तौल के कहा करो।"


हम तौलते रहे,

बोलने से पहले


समय बीत गया

चुप रहे


और तुम समझ न सके

ठहरे कब थे किताबी चेहरे तले।।


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