किस्मत की बात थी
किस्मत की बात थी
आज वो किस्मत में नहीं
पर उससे मिलना भी किस्मत की बात थी
अंजाने थे एक दूजे से
पर जिसने जन्मो के नाते जोड़ दिये
ऐसी अपनी पहली मुलाकात थी
आज वो किस्मत में नहीं
पर उससे मिलना भी
किस्मत की बात थी
ये जीवन जैसे एक
वीरान सा जंगल था
इच्छाएँ, आशाएँ जैसे
पतझड़ बन आयी थी
पर उसके कदमों की कारीगरी तो
सावन को बुला लाई थी
ऐसा लगा जैसे
उसका मिलना
इस धरती
कोई पहली बरसात थी
आज वो किस्मत में नहीं
पर उससे मिलना भी
किस्मत की बात थी
वो मिला तो ऐसा लगा जैसे
अब वो कभी दूर न जायेगा
मेरा मन्दिर उसी में
मेरी आस्था उसी में
वही मेरा भोला शंकर कहलायेगा
पर जैसे सब सपना हो गया
हम खुश थे मगर
हमसे रूठी कायनात थी
आज वो किस्मत में नहीं
पर उससे मिलना भी
किस्मत की बात थी।