किस मोड़ पे आ गई ज़िन्दगी
किस मोड़ पे आ गई ज़िन्दगी
ना जाने किस मोड़ पे आ गई ज़िंदगी,
बढ़ते जा रहे कदम अंजान रास्तों पे,
ना जाने किस ओर बढ़ रहे हैं
मंजिलों का पता नहीं,
पर ख्वाबों को पूरा करते चले हम,
बस ये सोच के चलते चले हम,
ना कोई शुरुआत ना कोई अंत,
बस बिना रूके चलते चले हम।
ना जाने ये किस मोड़ पे आ गई ज़िंदगी,
ना जाने ये किस मोड़ पे आ गई ज़िंदगी!