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Rashi Mongia

Abstract Inspirational

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Rashi Mongia

Abstract Inspirational

ख़ुदा से गुज़ारिश

ख़ुदा से गुज़ारिश

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उस ख़ुदा से बस एक ही गुज़ारिश है,

कभी इस ओर भी नजर कर लो,

थोड़ी मेहर इधर भी बरसा दो,

मांगा ना ज़्यादा कभी तुझ से मैंने,

बस अपने हक को पाने की ख़्वाहिश

पूरी कर दो,

ए ख़ुदा बस एक ही ख़्वाहिश पुरी कर दो।


झुकाया है सिर तेरे दरबार पर सदा,

अब बस मेरा सिर भी ऊंचा कर दो,

तेरे दिए हर फ़र्ज़ को खुशी से निभाया है,

अब तुम भी अपना फ़र्ज़ अदा कर दो,

ए ख़ुदा बस एक ही ख़्वाहिश पूरी कर दो।


माना मेरी कोई हस्ती नहीं तेरे सामने,

अपना छोटा सा अंश समझकर ही

सँवार दो,

चलाया तूने जहां उस रास्ते चले हम,

हँसते खेलते झूमते चले हम,

ए ख़ुदा बस एक ही ख़्वाहिश पुरी कर दो।


विश्वास तुझ पर था इतना,

कि बिना कुछ पूछते चलते चले हम,

शक आज भी नहीं तेरी रहमत पर मुझे,

बस इसी आस को पूरा कर दो,

ए ख़ुदा बस एक ही ख़्वाहिश

पूरी कर दो अब।।



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