मिट्टी में ही तो मिलना है
मिट्टी में ही तो मिलना है
मिट्टी में ही तो मिलना है,
तो फिर पैसों का इतना गुरूर क्यूं,
मिट्टी में ही तो मिलना है
तो फिर इतनी अकड़ क्यूं,
मिट्टी में ही तो मिलना है,
तो फिर खूबसूरती पे इतना घमंड क्यूं,
मिट्टी में ही तो मिलना है,
तो फिर इतना दिखावा क्यूं,
मिट्टी में ही तो मिलना है,
तो फिर अपनों से फासले क्यूं,
मिट्टी में ही तो मिलना है,
तो फिर इतना तनाव क्यूं,
मिट्टी में तो ही मिलना है,
तो फिर इतनी जिद्द क्यों,
मिट्टी में ही तो मिलना है,
तो फिर चीजों से लगाव क्यूं,
मिट्टी पे ही तो मिलना है,
फिर इतनी मोह माया क्यूं??????
