ख्वाहिशे बाकी हैं
ख्वाहिशे बाकी हैं


ख्वाहिशें...बाकी हैं...
जिन्दा हु बस यही काफी है
कहाँ ...
एक दिन की ख्वाईश बाकी हैं
जिंदगी की लो युही जल रही है..
कहाँ...
एक दिल की ख्वाहिश बाकी हैं
बडे अरमा लेकर निगाहे जग रही है
कहाँ
इन निगहो मै अभी सपना बाकी है...
यादो की बरसात साथी हो रही जो
कहाँ
किसी नजर मै इतना एहसास बाकी है
भुल बिसरे राह गुजर सी सासे साथी है
कहाँ
इस दिल मै अब धडकन बाकी है..
बिखर पडी हर एक निव रिशतो की
कहाँ
जुड़ाव का एहसास भी बाकी हैं
जी ले जरासी ये जिंदगी अपनी जिद
कहाँ
इस दुनिया मैं तेरा अक्स बाकी हैं।