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Sumit. Malhotra

Romance Action

3  

Sumit. Malhotra

Romance Action

ख़्वाबों के घरौंदे।

ख़्वाबों के घरौंदे।

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एक ही गलती तमाम उम्र करते रहे, 

ख़्वाबों के घरौंदे उम्र भर बनाते रहे। 


घरौंदा रेत का जिसे घर समझते रहे, 

बेवफ़ाई वो और वफ़ा हम करते रहे। 


प्यार के घरौंदे ही उम्र भर बचाते रहे, 

ख़्वाबों को बुन कर घरौंदे बनाते रहे। 


सपनों के सौदागर ही तो बनकर रहे, 

हक़ीक़त में बने घरौंदे वो गिराते रहे। 


हम बड़े अरमान से घरौंदे सजाते रहे, 

वे ख़्वाबों के घरौंदे को रेत समझ रहे। 


वो घरौंदे तोड़ कर बेवफ़ाई करते रहे, 

वे घरौंदे को खिलौना समझ तोड़ रहे।


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