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Shailaja Bhattad

Drama

5.0  

Shailaja Bhattad

Drama

ख़ुदा ओ मेरे खुदा

ख़ुदा ओ मेरे खुदा

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डगमगाते क़दम संभलना,

बरबस ही डगर की ओर बढ़ना।

ख़ुदा के चमत्कार से कुछ कम नहीं।


नई-नई राहों का खुलना,

हर उलझन का सुलझना,

ख़ुदा के साक्षात होने से कुछ कम नहीं।


हर मंजिल, का एक दास्ताँ बनना

हर वेदना का रुख़सत होना,

वजूद को वजूद मिलना।

ख़ुदा के प्यार से कुछ कम नहीं।




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