कहाँ तुम कहाँ हम
कहाँ तुम कहाँ हम
तुम कड़वे बोल में भी मुस्कुरा लेते हो और
हम मीठे बोल में भी कड़वे बन जाते हैं
तुम हर बात में रिश्ते तोड़ लेते हो और
हम बस सहेज कर जोड़ते रह जाते हैं
तुम यारो में जिंदगी गुजार लेते हो और
हम एक पल के इंतजार में तरस जाते हैं
तुम बोतलों में रातें निकाल लेते हो और
हम तो बस आंसुओं को पीते रह जाते हैं
कहाँ तुम हो प्यार का दिखावा करते हो और
कहाँ हम प्यार करके भी दिखा नहीं पाते हैं।