कभी पास मेरे यूं आप आ जाया करो
कभी पास मेरे यूं आप आ जाया करो
कभी पास मेरे यूं आप आ जाया करो
भरी दोपहर नरम शाम कर जाया करो।
बागों में एक फूल खिलाने
तुलसी पे एक दीप जलाने
दरिया मे लहर बनाने , मुस्कुराया करो
रातों को वो साज़ सुनाने
कृष्णा को वो रास सिखाने
मेरे गीत बनाने ,पायल छ्नकाया करो
शिव शक्ति को फिर एक बनाने
वो जीवन का रस बन जाने
मेरी धड़कन जगाने ,सीने से लगाया करो!