STORYMIRROR

Kumar Gaurav Vimal

Romance Fantasy

4  

Kumar Gaurav Vimal

Romance Fantasy

कभी कभी....

कभी कभी....

1 min
264

लड़ता हूँ उस से कभी...

कभी उसे मनाने को,

जाता हूँ उस से दूर कभी...

कभी उसे पास लाने को,


सताता हूँ उसे कभी...

कभी उसे हंसाने को,

सुनता नहीं उसकी कभी...

कभी उसे सुनाने को,

चाहता हूँ उस से प्यार कभी...


कभी प्यार जताने को,

रूठता हूँ उस से कभी...

अपनी अहमियत बताने को,

लड़ता हूँ उस से कभी...

कभी उसे मनाने को।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance