कभी देखा है?
कभी देखा है?
समंदर की खूबसूरत नीली लहरों सी आँखें
उनमें भयंकर कभी सैलाब देखा है..?
गुलाब सी कोमल पंखुड़ियों से होठ
कांटों से भरी ज़बान देखी है?
सूरज से चमकते हुए इरादे
दिल में नफरत की आग देखी है?
शहर में त्योहारों की चमक है
धर्म के नाम पर कटते मरते इंसान देखे हैं?
खूबसूरत रिश्तों की बात करते हैं
झूठी दुहाई देते बेईमान देखे हैं?