कैसा लगता है
कैसा लगता है
जब होठों से हंसी गायब हो जाए तो कैसा लगता है
जब आंखों में हर पल नमी आ जाए तो कैसा लगता है
कैसा लगता है जब दिल की धड़कन रुकना चाहें
जीवन परिस्थितियों के सामने झुकना चाहें
अँधेरों से गुज़रने में कैसा लगता है
कैसा लगता है खुद से ही हारने में
परेशान सा जीने में कैसा लगता है
कैसा लगता है जब रास्ते चलते हो
पर तुम कहीं रुक जाते हो
मंजिल से पहले ही गुम हो जाते हो
कैसा लगता है जब तुम्हारी बेबाकी खो जाती है
और सिर्फ खामोश रहने की राह नजर आती है।