Devendraa Kumar mishra
Classics
घर सुन्दर दिखे
सजाने के लिए गमलों में
लगाए जाते हैं
किस्म किस्म के सुन्दर फूल
किन्तु मन की मिट्टी पर प्रेम के फूल
भूल से भी नहीं लगाता कोई
और जिसने लगाए भी
वो काग़ज़ी थे।
ऐसा लगता है
नास्तिक बने
कातिल
मन में
मोड़
मौन
प्यार
अनदेखा
प्रजा
दिल
आदि है, आज है, भूत-भव का अंतराल है; भुवन की रंग-साज है, हृदय सिंधु विशाल है... आदि है, आज है, भूत-भव का अंतराल है; भुवन की रंग-साज है, हृदय सिंधु विशाल है...
वो अंदर ही अंदर खूब रोया, पर मुस्कुराहट बरकरार थी... वो अंदर ही अंदर खूब रोया, पर मुस्कुराहट बरकरार थी...
कहीं त्रिभुज भी बना है यारों, कहा किसी ने पैसों की कोठरी है ये, ढूँढ रही हूँ कहाँ छिपी है ये अभी.... कहीं त्रिभुज भी बना है यारों, कहा किसी ने पैसों की कोठरी है ये, ढूँढ रही हूँ ...
जो रहें लिप्त घोटालों में, जिनके चित बसे सवालों में... जो रहें लिप्त घोटालों में, जिनके चित बसे सवालों में...
सबका यह कानून है, देता सबका साथ। कदम मिलाकर जो चले, उसके सर पे हाथ... सबका यह कानून है, देता सबका साथ। कदम मिलाकर जो चले, उसके सर पे हाथ...
छद्म है वर्तमान का, जो लिख रहा अतीत है... छद्म है वर्तमान का, जो लिख रहा अतीत है...
मुझको दृढ़ निश्चय जीत का हाथ मेरा जो थामे यदुवीर... मुझको दृढ़ निश्चय जीत का हाथ मेरा जो थामे यदुवीर...
प्राचीन संस्कृति की जड़ें धीरे-धीरे हिल रही हैं... प्राचीन संस्कृति की जड़ें धीरे-धीरे हिल रही हैं...
हाँ, वही तो है सदियों से यथार्थ मेरे साथ जुड़ा... हाँ, वही तो है सदियों से यथार्थ मेरे साथ जुड़ा...
नफरतों के दाएरे, छोड़, आ गए जोड़ने आज हर मन को... नफरतों के दाएरे, छोड़, आ गए जोड़ने आज हर मन को...
पत्तों पर ठंडी मोती सम ओस की बूंदें हैं बेहद सुन्दर, बीते हुए बचपन के दोस्तों की सुनहरी यादें हैं सु... पत्तों पर ठंडी मोती सम ओस की बूंदें हैं बेहद सुन्दर, बीते हुए बचपन के दोस्तों की...
अवकाश की सीमाओं से, अब मुक्त हो गया हूँ मैं। सच, अब आज़ाद हो चुका हूँ मैं... अवकाश की सीमाओं से, अब मुक्त हो गया हूँ मैं। सच, अब आज़ाद हो चुका हूँ मैं...
हर तरफ एक धुंध है, बेईमानों की बस्ती आजकल इतनी जबरदस्त क्यों है... हर तरफ एक धुंध है, बेईमानों की बस्ती आजकल इतनी जबरदस्त क्यों है...
देश सेवा का भाव है या मालिक बदलते रहना सेवकों का स्वभाव है... देश सेवा का भाव है या मालिक बदलते रहना सेवकों का स्वभाव है...
खड़े हुए इस समय-श्रृंखला में हैं दोनों ही बंधे हुए... खड़े हुए इस समय-श्रृंखला में हैं दोनों ही बंधे हुए...
तपन भरी है ये धरा, जीव सभी हैं त्रस्त। मिलता तब आराम है, सूरज होते अस्त... तपन भरी है ये धरा, जीव सभी हैं त्रस्त। मिलता तब आराम है, सूरज होते अस्त...
दिल वालों की दिल्ली है, भारत की ये शान रे; महलों का कलकत्ता है, गुलाबी शहर जयपुर रे... दिल वालों की दिल्ली है, भारत की ये शान रे; महलों का कलकत्ता है, गुलाबी शहर जयपु...
चुनाव-चुनाव खेलना यह हम जैसे गरीबों का खेल नहीं... चुनाव-चुनाव खेलना यह हम जैसे गरीबों का खेल नहीं...
अमृत है तेरा जल गंगा, अद्भुत है तेरा बल गंगा... अमृत है तेरा जल गंगा, अद्भुत है तेरा बल गंगा...
माता मेरी ये धरा, हरियाली चहुँ ओर। सूरज करते भोर हैं, पक्षी करते शोर... माता मेरी ये धरा, हरियाली चहुँ ओर। सूरज करते भोर हैं, पक्षी करते शोर...