काफ़िला याद का,,,,
काफ़िला याद का,,,,
हर समय साथ देता रहा
काफ़िला याद का काफ़िला याद का।
तुम मेरे बन गए मैं तुम्हारी हुई,
साँस से साँस का राबिता बन गया।
नज़रों से ओझल हुए जब कभी,
दिल में फिर से मिलन का वास्ता दे गया।
हर समय...।
हमसफ़र हमराज़ जब से हुए
आसां ये जीवन सफ़र हो गया।
मिलेंगे सफ़र में और साथी मगर,
तुझसे मिल के मेरा मैं धरा रह गया।
हर समय..।
तेरा दर्द हमने मेरा कर लिया,
और मेरा करवट बदल सो गया।
सफ़र बाक़ी है जो ,कट ही जायेगा,
अंदाज़ जीने का यूँ वो नया कर गया।
हर समय साथ देता रहा,
काफ़िला याद का काफ़िला याद का।