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Satyawati Maurya

Abstract

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Satyawati Maurya

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आस्था को जोत,,

आस्था को जोत,,

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बदन पर गीले वसन

गीली है केशराशि

  होठों पर वेद मन्त्र

   हाथों में पूजा के पुष्प।

एक एक फूल चढ़ाती जाती

दिया में तेल डूबी बाती।

   सुगन्धित धूप मन में

    आस्था की जोत जगाती।

सभी देव मुग्ध हैं पुजारिन पर

वरद हस्त रखते उसके सिर।

     पूजे जाते जब मंदिर में देव तब

     घर में आती सुख,समृद्धि,शांति।



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