STORYMIRROR

Satyawati Maurya

Inspirational

4  

Satyawati Maurya

Inspirational

सुर आशा के,,,

सुर आशा के,,,

1 min
277

फिर भोर सुहानी आएगी 

कालिमा रात की मिट जाने दो।

और टूटे मन के

अधर मुस्कान सजा दो।


हाथ बढ़ा कर थामो हथेली

दोस्त हम हैं साथ बतला दो।

जितना तुमसे हो, उतना ही

ख़ुशियों की चादर रंग दो।


 सपनों के नील गगन में 

तारा एक अपना भी जड़ दो।

बोझिल,उदास चेहरे पे किसी के

हौसले की तुम डोर थमा दो।


बन जाओ इक अबोध शिशु से

बुझते मन में नव ज्योति जगा दो।

परिवार को जोड़े रखने को

 वक़्त क़ीमती अब अपना दो।


मन की मैल, रुसवाई भूलो

सबको हृदय का हार बना दो।

बेगानों को अपनापन देकर

पूरे विश्व को परिवार बना दो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational