जुदा करदे कोई तों भी क्या फिक्
जुदा करदे कोई तों भी क्या फिक्
मत पूछो कि फिर कहां मिलेंगे
जुदा कर भी दे कोई तो क्या फ़िक्र..
प्यारे लफ्ज़ बनकर तुझे
किताबों में मिलेंगे
मीठा सा अहसास बनकर
हम तेरे वादो में मिलेंगे....!
धड़कन मे महसूस करना कभी
तेरी दिल की धड़कन की
धक धक मे हम हमेशा
धड़कते हुए भी मिलेंगे.!
भूल जाओ घर मुझे तों
घूमने चले जाना कोई बाग मे
बाग मे खिले हर फूल मे
हम तुझे महकते हुए मिलेंगे..!
उदास होंगे कभी तुम जीवन मे
तों आंख बंध करके महसूस करना
हम तेरी पीठ को प्यार से
थबथबाकर हौसला देते हुए मिलेंगे..!
सच्ची चाहत फक्त देह का ही रिश्ता नहीं
पागल हम तों जन्मों जन्म तुझे यूं ही मिलेंगे

