तू सिर्फ मेरी है
तू सिर्फ मेरी है
तू चाहता है
जब अकेला होता है ,
तब तू मुझे याद करता है ...,
जब तू परेशान होता है ,
तब तू मुझे याद करता है ....,
जब तुझे रोना आता है ,
तब तू यही सोचता है ,
की काश मेरी हथेली पर तेरे आंसू हो ...,
तेरे आंसू को मैं पोंछ लूँ,
मेरी इन हाथों से...,
तू रोना चाहता है ,
तेरे सर को मेरे कंधे पर रख कर ....।
तू चाहता है ....,
कहीं दूर ......,
सुनसान जगह पर ....,
तू बैठा रहे मेरे पास ....,
मेरी इन हाथों में तेरा हाथ थाम के ....,
कभी कभी ......,
तू ये चाहता है ......,
मेरी इन गोदी पर सर रख कर तू सो जाए ....,
और में मेरी हाथों से ...,
सहलाती रहूं तेरे बालों को ....।
तू चाहता है .....,
मैं बैठी रहूं तेरे सामने .....,
तू मुझे ताकती रहे ....,
और में तुझे ........।
तू चाहता है ....,
शाम के वक्त हो ...,
और मेरी इन जुल्फों के साये में ...
तू खुद को खो दे ....,
ऐसी कितनी चाहत है तेरे .....,
कैसे बयां करूं में ....?
कैसे लिख दूँ तेरे सारे चाहत को.....
इन स्याहियों में.....।