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Priyadarsini Das

Romance

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Priyadarsini Das

Romance

मेरी दुनिया हो तुम

मेरी दुनिया हो तुम

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क्या तुम्हे पता है ...?
क्या हो तुम मेरे लिए ...?

शब्दों से बता सकों ऐसे कमजोर भी नहीं है तुम्हारी किरदार ...।

फिर भी .....,

कहती हूं आज....., 

मेरी आस भी तुम , 
मेरी सांस भी तुम ....।

मेरी अंधेरा भी तुम , 
मेरी उजाला भी तुम ...।

मेरी आज भी तुम , 
मेरी कल भी तुम ....।

मेरी अभिमान भी तुम , 
मेरी स्वाभिमान भी तुम ....।

मेरी खुदगर्जी भी तुम , 
मेरी गुरूर भी तुम .....।

अनजान राहों की साथी भी तुम ,
अंधेरी रात की रोशनी भी तुम ...।

मेरी प्यार भी तुम , 
मेरी गुस्सा भी तुम ...।

मेरी लड़ाई की बजह भी तुम , 
मेरी होठों हसी भी तुम ...।

कहा था न , 
शब्दों से नाप सकूं , 
ऐसी नहीं हो तुम , 

बस......,

मेरे लिए मेरी दुनिया हो तुम....।


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