तेरी याद
तेरी याद
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कभी कभी दिल को इतनी चोट मिलती हैं की,
पूरी तरह हम टूट जाते हैं,
मानो मौत के दरवाजे से वापस आते हैं,
और फिर से
वैसे पहले की तरह
मुस्कुराने की हिम्मत ही नहीं होती हैं ..।
वो दर्द हम किसी को
बता नही पाते हैं,
बस अपनी आँसू खुद ही
पी जाते हैं ........।
क्या करे अगर वो हमें अपना समझता
तो क्या एसे तकलीव ही देता ..?
फिर भी हम दर्द में भी मुस्कुरा लेते हैं,
उसकी खुशी के खातिर ....।