रूठों को मना लेना
रूठों को मना लेना
रूठों को मना लेना
होली के बहाने से
थोड़ा मुस्का लेना
होली के बहाने से
जिसे छुना तमन्ना थी
पर छु न पाए थे
थोड़ा रंग लगा देना
होली के बहाने से
तन मन गर सूखे हों
अहसास अधूरे हों
थोड़ा मन को भिगो लेना
होली के बहाने से
कुछ जख्म जो गहरे हो
गर भूल न पाते हों
थोड़ा भंग चढ़ा लेना
होली के बहाने से।