Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Aniruddhsinh Zala

Abstract Tragedy Classics

4.5  

Aniruddhsinh Zala

Abstract Tragedy Classics

उनकी ख़ुशी के खातिर सहा दर्द

उनकी ख़ुशी के खातिर सहा दर्द

1 min
334


नीले गगन के तले

सागरकी उछलती लहरो के संग

मिलते दिल के अहसासो से

और बातें करते

पानी की लहरें

और ये सर्द हवाएं


मैं और तुम

किसी पेड़ के नीचे बैठते

और गीत गुनगुनाते

ये रात

और ये वादिया

जैसे बुला रही है तुझे ..!!

उस गगन के तले

मस्त लहरों के किनारे

उस चांद को देखते

और मौन बाते करते


सागर की लहरें

और मस्त ठंडी हवाई

हम और सिर्फ तुम

मस्त नरियल के पेड़ निचे

प्यार का मधुर गीत गेट

ये रात

और ये वादिया

जैसे बुला रही है तुझे ..!!

 

बात घरी महुबत की थी मेरी

 चुपचाप दर्द सारा सह लिया ...!

हजारों लगे इल्जाम जमाने के,

चुपचाप हमने सह लिया !

महुबत थी बेपनाह फिर भी

जुडा वो डर के वजह से हुवे..!

हमने भी उनकी ख़ुशी के खातिर

दर्द जमाने भरका दिलमे दबा लिया।


Rate this content
Log in