मधुर कल्पना तेरे प्यार की
मधुर कल्पना तेरे प्यार की
तेरे प्यारकी कल्पनाओमे हम पागल हो रहे हैं
तेरे विरह वेदनाके बाणोसे हम धायल हो रहे हैं... ध्रुव पंक्ति.
महकते फूलोके बागोमे आये खूशबू तेरी
भवरो को रस चूसते देख हम भी प्यासे हो रहे हैं.
तेरे विरह वेदनाके बाणोसे हम धायल हो रहे हैं...
समा सूहानी हो जाती हे तेरी आहट से
दील मे तेरी यादो के दीप से ऊजाले हो रहे हैं.
तेरे विरह वेदनाके बाणोसे हम धायल हो रहे हैं...
मदीरामे दीखने लगे हे तलसते होठ तेरे
तलसते होठो को देख मदीरा बार बार पी रहे हैं.
तेरे विरह वेदनाके बाणोसे हम धायल हो रहे हैं...
मिलता नही शूकून कही बिना तेरे हमें
हम तो बस जहाँमे तेरे आशिक बनकर मशहूर हो रहे हैं.
तेरे विरह वेदनाके बाणोसे हम धायल हो रहे हैं...
' राज' दीलकी हर गली सूनी हे बिना तेरे
हम तो बैचेन होकर बस तेरे आनेकी राह देख रहे हैं.
तेरे प्यार की कल्पनाओमे हम पागल हो रहे हैं
तेरे विरह वेदना के बाणों से हम घायल हो रहे हैं...

