तू पास आ तो सही
तू पास आ तो सही
तू आ
शाम की धुंधलके संग आ
प्रेम का एक गीत तुझपे गढ़ दूं..
तू आ
इक इक शब्द में, तुझे तराश दूं
होंठो पे तेरे निशान दे
निशब्द कर दूं
तू आ ना...
तू दीवाना
तो मै मस्तानी
आ मिल तो एक बार
ये शमा भी मदमस्त कर दूं..
आ भी जा अब
लेकर आगोश में
मुझे बिखेर तो दे एक बार..तू आ
शाम की धुंधलके संग आ
प्रेम का एक गीत तुझपे गढ़ दूं..
तू आ
इक इक शब्द में, तुझे तराश दूं
होंठो पे तेरे निशान दे
निशब्द कर दूं
तू आ ना...
तु दीवाना
तो मै मस्तानी
आ मिल तो एक बार
ये शमा भी मदमस्त कर दूं..
आ भी जा अब
लेकर आगोश में
मुझे बिखेर तो दे एक बार..
तू आ जा रे।

