गर्मी वाले दिन
गर्मी वाले दिन
गर्मी वाले दिन में मैं कभी,
एक गांव घूमने जाता था।
दो माह उसी गांव में रहकर,
मैं हंसी खुशी ज़िंदगी बिताता था।
एक साथी थी बहुत ख़ूबसूरत,
उसी के साथ दिन में रहता था।
उसी के साथ घूमता था इधर उधर,
उसी से मैं मन की बात कहता था।
मिलकर शरारत करते खेल खेलते,
उसे खुश देखकर मैं मुस्कुराता था।
वो साथी खुशियों की उदाहरण थी,
उसके साथ में मैं सुकून पाता था।
एक बार मैं गया था उसी गांव में,
देखा तो उसकी हो रही थी विवाह।
ज़िंदगी पल भर में बदल गई,
बदल गई हम दोनों की भी राह।
अब न गर्मी वाला दिन आता है,
और न मैं वहां कभी जाता हूं।
मगर सोचता हूं उस प्रिय साथी को,
और बैठे बैठे तन्हा मुस्कुराता हूं।

