क्या लिखूं तेरी तारीफ में
क्या लिखूं तेरी तारीफ में
क्या लिखूं तेरी तारीफ में,
आंखों की गहराई को लिखने जाऊं,
तो जुल्फें अपनी और खींचे,
जुल्फों में उलझना चाहूं तो,
तो तुम्हारे झुमके बुलाए ,
झुमको के देखूं एक बार पूरा कि,
तेरे होंठ अपना जादू करने लग जाए,
तेरे होंठो की लाली देख पागल होऊं,
तो तेरी सादगी संभाल लें,
तुम्हारी सादगी को लिखना चाहूं,
तो शरारत भरी आँखे ऐसे देखे,
और जब इन आंखों की गहराई लिखने जाऊं,
क्या लिखूं तेरी तारीफ में।

