प्यार है तो ऋषभ कहो बस यही, तुम हमारी हुई, हम तुम्हारे हुये। प्यार है तो ऋषभ कहो बस यही, तुम हमारी हुई, हम तुम्हारे हुये।
वो नए कपड़े वो झुमके छोटे हल्की लिपिस्टिक वो नए कपड़े वो झुमके छोटे हल्की लिपिस्टिक
क्यों बुढ़ापे में हम मां-बाप को छोड़ आते हैं। क्यों बुढ़ापे में हम मां-बाप को छोड़ आते हैं।
कहीं खुद पे न इतराने लगूं ,इसलिये वो शायद डरते हैं कहीं खुद पे न इतराने लगूं ,इसलिये वो शायद डरते हैं