कोरोना .. कुट्टी है तुझसे
कोरोना .. कुट्टी है तुझसे
तरस रही हूं
कहीं जाने को,
रसमलाई आइसक्रीम
कॉफी एकसाथ
खाने को,
कहाँ से लाए कबाब ' टिक्की
वो मस्त होकर चालीस
चीजें खाने को
वो नए कपड़े
वो झुमके छोटे
हल्की लिपिस्टिक
दादी पाउडर थोड़ा
सजने के दिन '
हाय ! कैसे वे
शादी में जाने के दिन
हंसने ' धूम धड़ाका
करने के दिन
याद आते
देर से खेलकर आते
जोर से डांट खाने के दिन ।
लगाएं ' चार चाटे
इस निःभागे कोरोना को '
नहीं तो हाथ जोड़े बोले
देखो, घड़ा भर गया तेरा
अब तो स्कूल
खुलवा दे मेरा
दूंगी ' चाकलेट ' लीची आम
खाने को '
कुट्टी है तुझसे '
न लेता अगर
नाम जाने को ॥
