एक पल
एक पल
तू आंख मैं ज्योति
तू दिया मैं बाती
तू भोर मै सांझ दिन की
तू प्यास मैं यानी
तू प्रेम मैं
पाती तेरी
तू खीर ,मैं चीनी
तू सुख मैं मानिनी
तू ख्वाब मैं नींद
तू शांत सागर मैं झील सी ..
रंजो गम दरक उठते हैं
एकपल बीता तो तेरे बिन ..
वो पल बरसो बन गया
याद आया .. बरसा मेघा जब परसो .. I