शर्म
शर्म
हाँ, मैं आंखें बंद कर लेती हूं ,
जब जब तुम पास होते हो ..
जिन आंखों ने डूब कर चाहा तुम्हें ,
अब घृणा उसी के लिए ??
नहीं दिखाना चाहती, वो घृणा ,
शर्मा जाती है ये आंखे ..
छुक जाती है पलकें स्वतः
छुपाने को गहरे भाव ' बंद हो जाती हैं आंखें ॥

