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Rajiv Jiya Kumar

Romance

4  

Rajiv Jiya Kumar

Romance

☆सजन तुम।==========

☆सजन तुम।==========

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छू लिया सजन 

तूने रूह को

बन हमकदम

चले संग जब

तुम हर कदम,

छू लिया सजन

तूने रूह को।।

जब बात होती

ईश्क ईश्क की

तुम बन चले

कुछ मेरे ईश से

तेरी बंदगी में

सिर झुका रखा

ले आगोश में

लेने दे दम,

छू लिया सजन

तूने रूह को।।

बस यह दुआ

तू साथ हो

हाथों में तेरा हाथ हो

टूटे लङी जब साँस की

बन जान तुम

रहो सजी खङी

आरमां यही

साँसों में भरे

जन्नत जिए हम जा रहें

तुम रहो यूँ हीं

सजन मेरे हमकदम,

छू लिया सजन 

तूने रूह को

तूने रूह को।।



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