मिसाल
मिसाल
तेरे इश्क की मैँ , सबको क्या मिसाल दूँ ,
किसी को अपने इश्क का ,बोलो क्या जवाब दूँ ?
मिसाल ~ ए ~इश्क जो देते ,तो वो इश्क कभी ना होता ,
तेरे इश्क के मैँ खुद को भी ,बोलो कितने हिसाब दूँ ?
इश्क नाम है खुदा का ,ये ईबादात है बंदो की ,
अपने इश्क को तड़पने के ,बोलो कितने घाव दूँ ?
कभी तुम रहे थे प्यासे ,कभी हमारी प्यास थी अधूरी ,
फिर भी अपने इश्क को ,बोलो कितने सलाम दूँ ?
ज़माना इश्क उसी को कहता ,जिसमे मिलन की छाप होती ,
तुम्हारे इश्क को बिना मिले ही ,बोलो क्या मिलने का नाम दूँ ?
मैं हार गई तेरे इश्क की ,अब मिसाल भरते - भरते ,
हर मिसाल से परे है ,बोलो ऐसा ज़वाब दूँ ?

