ज़रा गौर करो
ज़रा गौर करो
न जाने क्यूँ आज सुबह
कुछ देर से ऑंख खुली मेरी
इसलिये आफिस के लिये
निकलने में हो गयी कुछ देरी
गाड़ी निकाल मैं अविलंब चल पडी
आज कुछ तेज़ ही चल रही थी घड़ी
लाल बत्ती आती देख मैनें
अपनी गाड़ी कुछ धीमी की
उखड़ती हुई सॉंसों को संयमित
करके मैनें एक लंबी सॉंस ली
देखा आगे है एक बहुत लंबी कतार
लाईन से खड़ी थी असंख्य कार
उतर कर पता किया तो मालूम हुआ
लालबत्ती वाली कारों का अभी
गुज़रा हैं एक काफिला
इसीलिये लालबत्ती के पास है
अफरा तफरी का ये सिलसिला
क्रोधित हो कर मेरा मन झुँझलाया
अनायास ही दिल में ख्याल आया
क्यूँ पदाधिकारियों को नहीं
सामान्य नागरिक के जीवन
या समय की कोई कीमत
प्रशासन को इस विषय में
गौर करने की है सख्त ज़रूरत।