खुद से सवाल
खुद से सवाल
खुद से पूंछने,मुझे सौ-सौ सवाल
आखिर क्यों बुरा हुआ, मेरा हाल ?
असफलता का क्यों मिला, बाल
इसके लिए,पीछे देखना भूतकाल
गौर करना फिर से बीते हुए,साल
अपनी कमियों को देखना,हर हाल
क्या मैंने मेहनत से चली,चाल?
नही ना,फिर कैसे होगा, धमाल
कर्म न करेंगे,कैसे करेंगे कमाल
परिश्रम के बाद ही आता,सुकाल
खुद से पूंछने, मुझे सौ-सौ सवाल
आखिर क्यों सोया, रहा भ्रमजाल
अपनी गलतियों पर कर मलाल
प्रायश्चित हेतु,ले संकल्प इस साल
चाहे शरीर के निकल जाए,कंकाल
आसमां में कर दूंगा छेद इस साल
अपने कर्म पथ से कभी न हटूंगा
चाहे आये,कोई सांसारिक भूचाल
लगातार रहेगी, मेरी तो कदमताल
इस बार छूना है,मुझको हिम भाल।