STORYMIRROR

Sadhana Mishra samishra

Drama

3  

Sadhana Mishra samishra

Drama

जोगन हो ली मैं

जोगन हो ली मैं

1 min
461

तन विराग...मन राग

कृष्ण की हो ली मैं...

मन में खेलूँ ....प्रेम के फाग...

सुध बुध खो ली मैं...


कृष्ण की नगरिया...मेरी डगरिया...

कृष्ण के रंग में...रंग ली मैं....

तज ज्ञान का सोपान....

भक्ति का विहान...

रच गई कृष्ण के रंग में....

जोगन हो ली मैं....


ओढ़ प्रेम की चूनर....

तज दुनिया की डगर....

सीचूँ प्रेम के पग....

बरसे असुंवन से जल....


दहके प्रेम की अगन....

होके प्रेम में मगन....

प्रेम की राख हो ली मैं....

सुध बुध खो ली मैं...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama