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Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

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Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

जो क़रीब है

जो क़रीब है

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बड़ी मुद्दत बाद

आज खुद से 

रूबरू हुए है दोस्तों

बड़े अदब से दिल ने

सम्भाला है हमें बरसों


कुछ राज़ अलहदा हो

कुछ राज़ नये हो

कुछ एहसास अलहदा हो

कुछ एहसास नये हो

अब तक इसी उम्मीद में


हमने गुज़ार दिए है बरसों

तुम आये तो ठीक है

नही तो कोई और आएगा

जिसको जाना है जाएगा

जिसको आना है वो आएगा

जो दूर रहते है नज़रों से


वो करीब है बहुत दिल के

जो क़रीब है नज़रों के

वो बहुत दूर है इस दिल से

इत्ती ज़रा सी बात को

हम समझ नही पाए बरसों।


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