STORYMIRROR

Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

4  

Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

जो क़रीब है

जो क़रीब है

1 min
332


बड़ी मुद्दत बाद

आज खुद से 

रूबरू हुए है दोस्तों

बड़े अदब से दिल ने

सम्भाला है हमें बरसों


कुछ राज़ अलहदा हो

कुछ राज़ नये हो

कुछ एहसास अलहदा हो

कुछ एहसास नये हो

अब तक इसी उम्मीद में


हमने गुज़ार दिए है बरसों

तुम आये तो ठीक है

नही तो कोई और आएगा

जिसको जाना है जाएगा

जिसको आना है वो आएगा

जो दूर रहते है नज़रों से


वो करीब है बहुत दिल के

जो क़रीब है नज़रों के

वो बहुत दूर है इस दिल से

इत्ती ज़रा सी बात को

हम समझ नही पाए बरसों।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance