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AMAN SINHA

Romance Tragedy Fantasy

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AMAN SINHA

Romance Tragedy Fantasy

जो कही नहीं तुमसे

जो कही नहीं तुमसे

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जो कही नहीं तुमसे, मैं वो ही बात कहता हूँ

चलो मैं भी तुम्हारे संग कदम दो चार चलता हूँ

चाहत थी यही मेरी तू भी साथ चल मेरे

न बंदिश हो ना दूरी हो रहूँ जब साथ मैं तेरे


लूटा दूँ ये जवानी मैं बस इस दो पल की यादों में 

छुपा लूँ आखँ में अपने न बहने दूँ मैं पानी में 

दिखाता हूँ जो नज़रों से जुबा से कह ना पाऊँगा

हूँ रहता साथ मैं हरदम पर तेरा हो ना पाऊँगा


हक़ीक़त है यही मेरी मैं तुझसे प्या र करता हूँ

तू वाकिफ है मेरे सच से मैं कितना तुझपे मरता हूँ

कभी साथ ना छोड़ूँगा रहा ये वायदा मेरा

मैं कल भी रहा तेरा, मैं अब भी बस तुम्हारा हूँ


अगर है तौलना तुमको मोहब्बत को तराजू मे

तो हो दिल के बदले दिल रखो दौलत को बाजू मे

यही है शर्त बस मेरी की तुम इंसानियत बरतों

मैं शख्शियत को अलग रखूँ तमु रुतबे को अलग रखो


कही है बात जो मैंने तुम उसपर गौर फरमाना

जो रिश्ता है तेरा मुझसे न समझेगा ये जमाना

कभी ना बोल देना तुम ये अपने राज औरों से

हक़ीक़त है अगर कुछ भी न बन जाए वो अफसाना।


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