STORYMIRROR

Ram Chandar Azad

Romance

4  

Ram Chandar Azad

Romance

हम हो गए तुम्हारे

हम हो गए तुम्हारे

1 min
362

तुम मानो या ना मानो,

हम हो गए तुम्हारे।

दिल दे दिया है तुमको,

अब तो तुम्हीं हमारे।


कल तक थे तुम अपरचित,

अब दिल में बस गए हो।

आँखें बरस रहीं हैं,

जब से चले गए हो।


कैसे बता दें दिलवर,

गुमसुम से हो गए हम।

खुद को पता नहीं है,

हममें हो तुम या तुम में हम।


साँसें थकी थकी- सी,

धड़कन नहीं है बस में।

आँखे तलाशती हैं,

मन भी नहीं है बस में।


चेहरे पे है उदासी,

बेचैन सा ये मन है

न भूख-प्यास लगती,

ये कैसा अजीबपन है।


कोई ये भी कह रहा है,

तुम मानो या ना मानो।

तुम्हें रोग प्रेम का है,

इसे गौर कर पहचानो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance