कह नहीं पाते
कह नहीं पाते
कहना है बहुत चाहकर भी कह नहीं पाते
हम आप की नजरों का असर सह नहीं पाते
लव थरथरा रहे है पर नजरें झुकी हुई
हालाते जिगर आपसे कुछ कह नहीं पाते...
दिल दे दिया है आपको बदले में मिला दिल
कहते है जिसे प्यार मगर कह नहीं पाते...
रहती है तमन्ना की मेरे सामने रहो
होते हो रूबरू कभी पर कुछ कह नहीं पाते...
झुकती हुई निगाहें... ओ धड़कन बढ़ी हुई
क्या हाले दिल बयां करे, कर नहीं पाते...
"रश्मि" नहीं है इतनी बुरी दुनिया वालो को क्या कहे
दर्द जमाने का "नीर"सह नहीं पाते...