जल की किल्लत
जल की किल्लत
धरती पर भले ही दो तिहाई जल का हिस्सा है।
नित प्रतिदिन पीने के पानी का बनता किस्सा है।।
पेय जल की समस्या को हम झेलते यहाॅं हर रोज।
नित निरंतर ही होती रहती है जल स्रोतों की खोज।।
पीने के पानी की किल्लत से कौन यहाॅं है अछूता।
हम सभी जानते हैं कि जल स्रोतों का दोहन है होता।।
बूंद -बूंद बचाने की है हम सबों की नैतिक जिम्मेदारी।
ये कहकर ना छोड़ें की ये काम तो है केवल सरकारी।।
नियमों और अधिनियमों से नहीं बचेगी जल की बर्बादी।
इस धरती पर जल बचाएगी हमारी अपनी ही आबादी।।