जज्बात
जज्बात


क्यों गुम जाते है जज्बात अक्सर
जो कभी दिल का जुनून होते है
पल पल गिनते है जिनके लिए
और जो दिल का सुकून होते है !
बेरहम वक़्त के हाथों से अक्सर
बेगुनाह रिश्तों के खून होते है
चाहत का क्या फिर कीजे
कहाँ इसके कोई कानून होते है !
लगाव बहुत हो जिनसे अक्सर
घाव भी बहुत वो खूब देते है
उम्मीद चाहत की क्या फिर कीजे
बस कहने को महबूब होते है !
यकीन जहाँ होता है अक्सर
मोल भी बहुत वो खूब लेते है
अग्नि परीक्षा है ये चाहत
बेयक़ीनी का सुबूत देते है !
दिल पर लग जाती है अक्सर
शायद न लगने वाली भी बातें
मरहम बन जाती है चाहत
जब फूलों सी खुशबू देती है !
नाज़ुक से होते है अक्सर
चाहतों के ये एहसास मगर
बंधन मत समझना इनको
ये तो दिल का सुकून होते है !
क्यों खो जाते है जज्बात अक्सर
जो कभी दिल का जुनून होते है
और जो दिल का सुकून होते है
उनके कहाँ कोई कानून होते है !!