तैनूं याद तां करां.त..........
तैनूं याद तां करां.त..........
तैनूं याद तां करां
जे कदे भुलैया होवां
तुमने जब भी कहा
मैने सच मान लिया
तेरी चाहत की शिदद्त को
जैसे मैने पहचान लिया
तेरी दूरीयों मे भी
कुरबत ढूंढ ली मैने
तुम्हारे अहसास को ही
गुरूर अपना मान लिया
महक थी तेरे लफ्ज़ों मे
जो सांसों मे घुल जाती थी
तुम कहते थे मैं सुनती थी
तुमहें तुमसे ज़यादा जान लिया
फिर सुनना है इक बार तुम्हे
कह दो जो तुम कहते थे
फिर से मुझे इतराना है
कुछ तुम्हें भी याद दिलाना है
जब भी पूछा मैनें तुमसे
एक ही बात तुम कहते थे
तैनूं याद तां करां
जे कदे भुलैया होवां
एक बार फिर कह दो मुझसे
पास नहीं हो साथ हो मेरे
याद करना तब मुमकिन होगा
गर भूल पाऊँ अहसास को तेरे ।।