"जिंदगी है नहीं जिंदगी के बिना"
"जिंदगी है नहीं जिंदगी के बिना"
जिंदगी है नहीं जिंदगी के बिना
गीत है ही नहीं रागिनी के बिना
अब अधूरे ये सपने कहीं खो गए
बातों बातों में ही मन जो रूठ गए,
प्रणय की बेला बनी अपनी हार,
जिंदगी से ख़फ़ा तुम वफ़ा हो गए,
इक अधूरी कहानी के पात्र हो फना,
जिंदगी है नहीं जिंदगी के बिना
गीत है ही नहीं रागिनी के बिना।।
दिल में लहर चली तूफ़ान उठा,
बगावत की आग में धुआं उठा
आसरे में परिंदे अब रह न सकें,
जिंदगी सुकून की वे कह न सकें,
रात की बांहों में दिल की ही छाँव में
आज ठहरा हुआ चाँद रह न सके,
मौन बैठे है शब्द जैसे स्वर के बिना,
जिंदगी है नहीं जिंदगी के बिना
गीत है ही नहीं रागिनी के बिना।।
छोड़कर जमाने की नफरत हजार,
तोड़कर जमाने की उलझन हजार,
आजाद पंछी नभ में विचरने गए
तौबा ये बेरंग जिंदगी छोड़ गए,
बुझ चुके ये दिए फिर कभी न जले
खुली आँखें जो बंद करके सोने गए,
बढ़ चुकी अब हमारी विरह वेदना
जिंदगी है नहीं जिंदगी के बिना
गीत है ही नहीं रागिनी के बिना।।