"साथी हमको धैर्य धरना होगा"
"साथी हमको धैर्य धरना होगा"
अंगारो पर पैरो का चलना होगा
साथी हमकों धैर्य धरना होगा।।
मन उठती भावनाओं का दर्पण है
प्यार निःस्वार्थ का ही समर्पण है,
आँसुओ से आँगर को गलना होगा,
साथी हमकों धैर्य धरना होंगा।।
मन का मन से, शब्दों का शब्दों से,
आत्मा का द्वंद होगा जब विचारों से,
तभी अर्थो का निकलना होगा
साथी हमकों धैर्य धरना होगा।।
सड़के जाती है, मंजिल की ओर,
सूरज निकलेगा, खिलेगी हर भोर
कदमो पर विश्वास रखना होगा,
साथी हमकों धैर्य धरना होगा।।
बनती है, मिटती है, पाती है गति,
गिरकर उठकर ही बनती है गति
लहरों में भी नाव को तैरना होगा,
साथी हमकों धैर्य धरना होगा।।

