चलती है हवाएँ चारों तरफ मौसम के बिन, भागदौड़ भरी जिंदगी में लगा है हरेक मन।। चलती है हवाएँ चारों तरफ मौसम के बिन, भागदौड़ भरी जिंदगी में लगा है हरेक मन।।
लहरों में भी नाव को तैरना होगा, साथी हमकों धैर्य धरना होगा।। लहरों में भी नाव को तैरना होगा, साथी हमकों धैर्य धरना होगा।।
हे प्रिये ! चाहकर भी मैं तुम्हें कभी भूल न पाऊंगा। हे प्रिये ! चाहकर भी मैं तुम्हें कभी भूल न पाऊंगा।
कहीं कोई रास्ता न दीखता है, कोई नई आशा तो दिलाओ, फिर नया दीपक जलाओ।। कहीं कोई रास्ता न दीखता है, कोई नई आशा तो दिलाओ, फिर नया दीपक जलाओ।।