बिन मौसम बारिश न भेजो
बिन मौसम बारिश न भेजो
देखा घिरते उजले आसमानों को,
काले बादलों को, तेरे इरादों को,
तेज हवाएँ ले आती संग जिसको,
जैसे उसकी जुल्फ़े लुभाती मनको,
बिन मौसम के भी मौसम बन जाते,
तेरे आने से यहाँ संगम बन जाते,
बनाकर बादलो को संदेश न भेजो
ए सजनी बिन मौसम बारिश न भेजो।।

