जीवन
जीवन
दो पल की ज़िंदगी
अनगिनत ख़्वाब
एक रहस्यमयी प्रश्न
एक रहस्यमयी जवाब!!
ख़्वाब जैसे पानी के बुलबुले
बने टूटें और फिर बने
जन्मदाता, मानव मन ।
दो पल की ज़िन्दगी
हज़ारों सपने
कुछ- कुछ पराये
कुछ-कुछ अपने!!
पाने की चाहत
बस यही कुलबुलाहट
अस्थायी ख़ुशियाँ
अस्थिर मुस्कराहट।
दो पल की ज़िंदगी
अनंत सीमाएँ
उत्तर सटीक
कहां प्रश्न चिन्ह लगाएँ
ख़ुशी और ग़म
‘तुम’ और ‘हम’
या अंतकाल की
आँखें नम
दो पल की ज़िंदगी
ढेरों इच्छाएँ
पूरी अधूरी बस
बढ़ती जाए !!
श्वास में आस या
फिर आस से श्वास
एक रहस्यमयी प्रश्न
एक रहस्यमयी जवाब !!!