जीवन
जीवन
वो भी एक दौर था, ये भी एक दौर है,
दुःख का छोर छोड़ आज पाया सुख का छोर है।
जीवन की इस नैया को कौन लाया इस ओर है
पतवार मेरे हाथ है, फिर भी दिशा पे किसका ज़ोर है
यकीनन इस नैया का खिवैया कोई और है।
वो भी एक दौर था, ये भी एक दौर है,
दुःख का छोर छोड़ आज पाया सुख का छोर है।
जीवन संघर्ष में हर दिन एक नया मोड़ है,
मेहनत मेरे हाथ है, फ़िर भी मंजिल पे किसका ज़ोर है,
यकीनन इन राहों का रेहनुमा कोई और है।
वो भी एक दौर था, ये भी एक दौर है,
दुःख का छोर छोड़ आज पाया सुख का छोर है।