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Ramanpreet -

Romance

5.0  

Ramanpreet -

Romance

हम तुम

हम तुम

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आज भी झरोखे से सूरज

की एक किरण आई 

जब वो आंखोँ पे ज़िलमीलाई 

तो मैनें पलकों की चिलमन उठाई 


पर तेरी वो प्यार भरी

Good Morning की आवाज़ नहीं आई

तो लगा की सुबह वीरान है

नज़रों ने टटोला हर कोना जब

तो दिल ने कहा बेसब्रा ना बन


अभी आयेगी वो सुरत निराली

ले हाथों में वो गरम चाय की प्याली 

दो पल प्यार की बातें होंगी 

नजरों की मुलाकातें होंगी 

ये सोच मन्द मुस्कान लहराई 


और हमने एक बार फिर ओहड़ी रजाई

पर वो इंतज़ार जो पलकों पर ही खड़ा था

हर आहट पे गहरा हो रहा था

फिर यादों ने घूंघट खोला

और हमको ये धीरे से बोला


बस कुछ और पल है बाकी 

फिर होगी इनायत खुदा की

तुम दोनों साथ होंगे

ले हाथों में हाथ होगे।


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