हम तुम
हम तुम


आज भी झरोखे से सूरज
की एक किरण आई
जब वो आंखोँ पे ज़िलमीलाई
तो मैनें पलकों की चिलमन उठाई
पर तेरी वो प्यार भरी
Good Morning की आवाज़ नहीं आई
तो लगा की सुबह वीरान है
नज़रों ने टटोला हर कोना जब
तो दिल ने कहा बेसब्रा ना बन
अभी आयेगी वो सुरत निराली
ले हाथों में वो गरम चाय की प्याली
दो पल प्यार की बातें होंगी
नजरों की मुलाकातें होंगी
ये सोच मन्द मुस्कान लहराई
और हमने एक बार फिर ओहड़ी रजाई
पर वो इंतज़ार जो पलकों पर ही खड़ा था
हर आहट पे गहरा हो रहा था
फिर यादों ने घूंघट खोला
और हमको ये धीरे से बोला
बस कुछ और पल है बाकी
फिर होगी इनायत खुदा की
तुम दोनों साथ होंगे
ले हाथों में हाथ होगे।